अहमदाबाद। गुजरात में प्याज के दाम 30 से 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। इसके बाद सरकार हरकत में आई है और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री जयेश रादडिया ने व्यापारियों को प्याज की जमाखोरी व नफाखोरी नहीं करने की चेतावनी दी है।
गुजरात में इस बार मानसून खूब मेहरबान रहा तथा प्रदेश में चौतरफा खूब बरसात हुई लेकिन इसका खामियाजा प्याज की फसल को भुगतान पड़ा। प्याज की पैदावार काफी कम रही। खुले बाजार में प्याज के दाम 20 से 30 रुं किलो से बढ़कर 70 से 80 रु पहुंच गए हैं। प्याज के दाम में हुई अचानक बढोतरी ने सरकार को भी चिंता में डाल दिया है।
इस महीने होने हैं उपचुनाव
गौरतलब है कि 2004 में प्याज के बढ़ते दाम के चलते ही प्रधानमंत्री अटल बिहारी सरकार को आम चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। गुजरात में इसी माह 6 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं तथा भाजपा सभी 6 सीट जीतने की रणनीति पर काम कर रही है, इसलिए उसने प्याज की जमाखोरी व कालाबाजारी को लेकर व्यापारियों को चेतावनी जारी कर दी है। सरकार का मकसद नई फसल आने तक हालात काबू में रखने की है।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्तिमंत्री जयेश रादडिया ने शुक्रवार को अधिकारियों को व्यापारियों के गोदामों की निगरानी करने तथा जरुरत पड़े तो छापामारी के निर्देश दिए हैं ताकि लोगों को सस्ते दाम पर प्याज उपलब्ध हो सकें। सरकार ने व्यापारियों को साफ चेताया है कि बाजार में किसी भी तरह प्याज की क्रत्रिम कमी उत्पन्न की गई तो उनकी खैर नहीं है। उधर राजकोट खेतीबाडी बाजार उत्पन्न समिति ने एक बैठक कर सब्जी मंडी में जमा प्याज जिले के विविध शहरों में बेचकर बढते दाम को काबू में लाने की घोषणा की है। सरकार ने अन्य शहरोंकी सबजी मंडियों से भी प्याज की क्रत्रिम कमी को खत्म करने के निर्देश दिए हैं।